सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

दीवाली

दीवाली मनाओ...

इस साल दिवाली में
दीप ना जलाये...
फटाके ना फोड़े....
ना घरपर शो लाइट जलाये...
सब पैसा बेपारी को जायेगा....

करोडो दीप जलाने से तेल की
और ऑक्सीजन की खपत होगी
ये पैसा सड़क के गरीब बच्चों
या अनाथाश्रम के बच्चों को दो.....
(चारागर)

मुले जर फुले असतील तर
कोमल हाती फटाक्यांची अग्नी का द्यावी??

पृथ्वी जर देत असेल श्वास तर
बदल्यात फटाक्यांची विषहवा का द्यावी??

आहेत जर देशात भिकारी, दरिद्री तर
लाखोटन खाद्यतेलाची-ऑक्सीजनसह आहुति का द्यावी???
--++ चारुशील

मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015

भारतीय खेड़े

भारतीय खेड़े

खेड़े म्हणजे विषमता
शतकांच्या कुडाच्या भिंती
शेतकऱ्यांना लावलेली मंदिराची पट्टी
दारिद्रयाचं कॉम्पिटिशन

खेड़े म्हणजे रस्त्यावर
अविद्येच्या विष्ठेचं साम्राज्य
खेड़े म्हणजे गोपनीय मतदानाला
उघडं करण्याचं ठिकाण

खेड़े म्हणजे फ़िल्टर वाटर च्या काळात
विहीरीचं पाणी पिणारे भारतीय बीमार

खेड़े म्हणजे बैलाना
नामर्द करण्याचे ठिकाण

खेड़े म्हणजे अन्नधान्याच्या
निर्मितीसाठी जुंपलेले गुलाम
          - चारागर (चारुशील माने)


शनिवार, 26 सितंबर 2015

इतना हो की/itna ho ki

🌹इतना हो कि 🌹

इतना हो कि
मेरी यादें तुम मिटा दोगे
ये बात खुद को मै समझा सकूँ ||

इतना हो कि
तुम बिन मैं जीवन को अपने
पूरी तरह से कभी पा न सकूँ ||

पत्थर की दीवार जैसा
मन-जिगर बनाए तुम्हारी आरजू से
तुमने ही सौंपी फूलमाला तहसनहस कर सकूँ

इतना हो कि
सुख के बदले दुःख भुला न सकूँ
बेवफाई से और बड़ा कोई दुःख न पाऊँ

इतना हो कि
किसी का किसी के लिए रुकता नहीं
ये अपने आप को मैं समझा सकूँ

-----चारुशील माने (चारागर)
🌹

शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

हिंदी शायरी (चारागर)




ग़म जश्नों से छुपाती है दुनिया

दर्द हटाकर मुस्कुराकर तो देख

इरादों से बनती है इमारते इमले

बनाया इरादा कर के तो देख


धुआँओं को हटाकर तो देख

दिल की दुनिया से बाहर तो देख

कब से एक अदना सा मैं दिया

हर रात जलता हूँ ऐ "चारागर" देख

शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

रक्षाबंधन Rakshabandhan

रक्षाबंधन / भिक्षाबंधन

कसलं हे रक्षेचं बंधन
जबरदस्तीचं भिक्षाबंधन
ना दिला संपत्तीचा समान हक्क
स्त्रीला हजारो वर्ष संस्कृतीनं

        भावा - बहिणीला चंदन
        व्यापाराचं भरतं  आंगण
        ५१ मिनिटाला देशात बलात्कार
        बेगडी हे नात्याचं बंधन

केले लाखो बहीणींचे पोटी खून
कसे विसरू बुधवार पेठेतील बहिणींचे नर्तन
व्यर्थ आहे हे शरीरावरचं गोंदण
देत नाहीत लाखों बहीणींना शिक्षण

        आजही येलम्माच्या देवदासीला
        भाग आहे वेश्येचं जीवन जगणं
        आज तर " चारागर" नातंच झालं भग्न
        बहिण तर बनलं संपत्तीचं विघ्नं…

रक्षाबंधन - भिक्षाबंधन !!

           - चारुशील माने (चारागर)

रविवार, 23 अगस्त 2015

Mai Satta Bharat Ki मैं सत्ता भारत की

Mai Satta Bharat Ki मैं सत्ता भारत की

मैं मुठ्ठीभर लोगों की वो सत्ता हूँ
जो देश की नदियां जोड़ना नहीं चाहती
मैं मुठ्ठीभर लोगों की वो सत्ता हूँ
देहातों को बदलना नहीं चाहती
लोगों को देहातों में पढ़ाना नहीं चाहती

देहातों के घर-घर शांती नहीं चाहती
धर्मों में एकता की केमिस्ट्री नहीं चाहती
मैं मुठ्ठीभर लोगों की वो सत्ता हूँ
जो अन्तर्जाती विवाह नहीं चाहती
दिल-दिल के फासले तोडना नहीं चाहती

न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं चाहती
47 से खुद को दूसरे को सौंपना नहीं चाहती
मैं मुठ्ठीभर लोगों की वो सत्ता हूँ
देशदीवार की अपनी ईंटें सरकाना नहीं चाहती

नंगें मेलों में हो जाये चाहे तिजोरी ख़ाली
पर गरीबों में दौलत लुटाना नहीं चाहती
मैं मुठ्ठीभर लोगों की वो सत्ता हूँ
नंगें मेलों से आसाराम को खोना नहीं चाहती
रोगों को सल्तनत से मिटाना नहीं चाहती

मजहब का झगड़ा मिटाना नहीं चाहती
करप्शन को गले से हटाना नहीं चाहती
मैं मुठ्ठीभर लोगों की वो सत्ता हूँ
देहातों के झोपड़ें रहेंगे हज़ारों साल
दारिद्र्य को कौम से हटाना नहीं चाहती

वारिसदार गद्दी से हटाना नहीं चाहती
हो जाये यहाँ हर नारी चाहे बेइज्जत
मगर राधेमाँ को सताना नहीं चाहती
मैं मुठ्ठीभर लोगों की वो सत्ता हूँ
मर जाये चाहे बेक़सूर लोग यहांपर
मगर विस्फोटों को मिटाना नहीं चाहती
वोटर्स के लिये क्राइम रेट घटाना नहीं चाहती
(अपूर्ण)
- चारुशील माने (चारागर)




शनिवार, 8 अगस्त 2015

Sama Hai Mahka समां है महका-महका

समां है महका- महका
दिल भी है बहका बहका
दिल भी तरसा तरसा
समां है महका- महका
दिल भी तरसा तरसा
समां है महका- महका ।। धृ।।

रिम-झिम सा रिम-झिम सा -2
तुम ही है जो दिल ने जिस को
थामा है जो इतना पास
जानेजाना यूँ न सताओ
आजाओ ज़रा पास
सावन भी है ये बरसा-बरसा ।। 1 ।।
     दिल भी बहका-बहका
     समां है महका- महका

था कितना संयम-सा
हो गया चंचल-सा -2
समझाया था दिल को कितना
फिर भी न आया कभी ये बाज़
ख्याल तुम्हारा धीरे-धीरे
दिल का बना है राज़ - 2
तुम्हे पाने दिल तरसा तरसा ।। 2 ।।
      दिल भी है बहका बहका
      समां है महका- महका
                   - चारुशील माने (चारागर)

बुधवार, 29 जुलाई 2015

Tuzya तुझ्या स्वप्नांच्या कळ्या -चारुशील माने (चारागर)

https://youtu.be/2ffieznWe0A
खालील गाण्याची लिंक


तुझ्या स्वप्नांच्या कळ्या
मनी माझ्या उमलू दे ना
जीवाला माझ्यासाठी
रे थोडं तरी तरसू दे ना

कधी तरी मी तुझ्या कानी
काही तरी गुपित सांगिन
कळले नाही जर तुला काही
माझी वाटच संपून जाईल
जीवनात जे कधी ना कुणा
मागितलं तुला मागिन
           तुझ्या स्वप्नांच्या कळ्या
           मनी माझ्या उमलू दे ना...
           तुझ्या नयनांच्या धारा
           नयनी माझ्या बरसू दे ना...
                        - चारुशील माने (चारागर)
https://youtu.be/2ffieznWe0A गाण्याची यूट्यूब लिंक

रविवार, 19 जुलाई 2015

Muddaton Ki ( मुद्दतों की परवरिशें )

मुद्दतों की परवरिशें
हमने की थी तेरे ही लिए

ज़िन्दगी की मुश्किल घड़ियाँ
हमने जीली तेरे ही लिए

अब ना हम फिर कुछ कहेंगे
पलकों के बस् आँसू कहेंगे
ज़ख्मों की कोई कहानियों में
सारे दर्द और तक़लीफे
अमृत कर के पी ली हमने

मुद्दतों की परवरिशें
हमने की थी तेरे ही लिए

जाने-जिगर तेरी बेकदरीने
कर दिया दिल छलनी-छलनी
की खुशियों की क़ुर्बानियों में

मुद्दतों की परवरिशें
हमने की थी तेरे ही लिए

शनिवार, 18 जुलाई 2015

Har Hal Me हर हाल में मिलूंगी

याफ्तनी हूँ मैं तेरी
याफ्तनी हूँ मैं तेरी
हर हाल में मिलूंगी
तू है मेरी याफ्तनी
तू है मेरी याफ्तनी
हर हाल में मिलेगी

ये राहें डर देती है
ये चाहें मार देती है
ना होना हिम्मतशिकनी

ये ऋत आये ना आये
ये कली खिल के रहेगी
बदलेगी सारी दुनिया
मोहब्बत मिल के रहेगी
         ....तू है मेरी याफ्तनी

सच दीवानों को ग़म से
कोई भी ग़म तो नहीं है
इस दुनिया की दौलत से
मोहब्बत कम तो नहीं है
        तू है मेरी याफ्तनी

 -- चारुशील माने (चारागर)