शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

हिंदी शायरी (चारागर)




ग़म जश्नों से छुपाती है दुनिया

दर्द हटाकर मुस्कुराकर तो देख

इरादों से बनती है इमारते इमले

बनाया इरादा कर के तो देख


धुआँओं को हटाकर तो देख

दिल की दुनिया से बाहर तो देख

कब से एक अदना सा मैं दिया

हर रात जलता हूँ ऐ "चारागर" देख

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